कपूर खानदान के लिए निश्चित रूप से ये जश्न मनाने का वक़्त है. जिस शान और रुतबे के लिए गुज़रे कई सालों से कपूर खानदान तरस रहा था, वो लौटता महसूस हो रहा है. कपूर खानदान के वारिसों को इस बात की तसल्ली होने लगी होगी, कि उनके खोए हुए रुतबे को एक बेटा वापस लेकर आ रहा है. यूँ तो कपूर खानदान का नाम रौशन करने में दो बेटियों का भी बड़ा योगदान रहा है, लेकिन हमारी सभ्यता में बेटी को पराया धन माना जाता है, लिहाज़ा उसकी उपलब्धियों से खुश तो होते हैं, मगर सीना चौड़ा होने जैसी बात नहीं मानते. सीना तब ही चौड़ा होता है, जब कोई बेटा बड़ा काम करता है. कपूर खानदान पुराने रीति-रिवाजों को मानने वाला है, इसलिए उनके यहाँ भी बेटों की उपलब्धियों को जश्न की वजह मानी जाती है.
- ‘यह जवानी है दीवानी’ ने तीन दिन में कमाए ६२ करोड़
- हिल सकता है ‘बादशाह’ का सिंहासन
- लौट रहा है कपूर खानदान का रूतबा
कपूर खानदान के ये चिराग हैं रणबीर कपूर, जिनकी पिछली रिलीज़ फिल्म ये जवानी है दीवानी ने ओपनिंग वीकेंड में ६२ करोड़ का बिज़नेस किया है. अगर इन आंकड़ों को फिल्म की मार्केटिंग टीम का कोई खेल न माना जाए, तो रणबीर के लिए ये वाकई एक उपलब्धि है. क्योंकि ये वो आंकड़ा है, जो अब तक कोई खान या कुमार भी नहीं छू सका है. ६२ करोड़ के आंकड़े के सबसे नज़दीक हैं सलमान खान, जिनकी फिल्म दबंग २ ने ओपनिंग वीकेंड में ५९ करोड़ का बिज़नेस किया था, लेकिन सलमान और रणबीर के करियर में २० साल से ज्यादा का फर्क है. रणबीर जब पापा ऋषि कपूर की ऊँगली पकड़कर चलते थे, उस वक़्त सलमान ने देश की युवा पीढ़ी को अपना दीवाना बना लिया था. कुछ वैसी ही दीवानगी नज़र आ रही है रणबीर कपूर के लिए भी. इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहेंगे, कि ये जवानी है दीवानी को एक फिल्म पुराने डायरेक्टर ने डायरेक्ट किया, क्रिटिक्स ने फिल्म को २.५ से ३ स्टार दिए, लेकिन फिर भी शुक्रवार को रिलीज़ के बाद, पब्लिक ये जवानी है दीवानी के लिए दीवानी हुई जा रही है. रिलीज़ के बाद ३ दिन के अन्दर फिल्म ने अपनी लागत तो निकाल ही ली, साथ ही थोडा बहुत मुनाफा भी कमा लिया है.
एक साधारण फिल्म के लिए दर्शकों में अगर ये दीवानगी है, तो इसे स्टारडम ही कहा जाएगा. रणबीर का नाम अब दर्शकों को सिनेमा हाल तक लाने के लिए काफी है. यानि जो ताक़त अब तक सिर्फ खांस और कुछ गिने चुने एक्टर्स के पास ही थी, वो अब रणबीर के पास आ चुकी है. रणबीर के लिए ये बात इसलिए भी मायने रखती हैं, क्योंकि उनका करियर शुरू हुआ एक फ्लॉप फिल्म से. कपूर खानदान में वो शायद पहले एक्टर हैं, जिनकी पहली फिल्म पर फ्लॉप का टैग लगा. नहीं तो उनसे पहले कपूर खानदान से जितने भी हीरो आये, सब कि डेब्यू फिल्म हिट रही, बाद में उनका चाहे जो हश्र हुआ हो. रणबीर के पापा ऋषि कपूर, ताऊ जी रंधीर कपूर, चाचा राजीव कपूर कि पहली फ़िल्में हिट रही हैं. लेकिन इसके बाद ये वो स्टारडम हासिल नहीं कर सके, जो कभी राज कपूर के पास रहा. रणबीर के रूप में अब वही स्टारडम कपूर खानदान के पास वापस आ रहा है. अब सवाल ये है, कि रणबीर के उदय के साथ बॉलीवुड कि समीकरण कैसे बदलेगी. तो इसका जवाब एकदम सीधा है.
रणबीर के उदय के साथ फर्क पड़ेगा शाह रुख खान के स्टारडम पर, क्योंकि जिस तरह कि फ़िल्में शाह रुख कर रहे हैं, और जिस तरह के उनके दर्शक हैं, रणबीर वैसी ही फ़िल्में कर रहे हैं. अगर शाह रुख की शुरूआती और रणबीर की फिल्मों पर गौर करें, तो उनमें रोमांस, जवानी और शरारतों की एक जैसी खिचड़ी है. रणबीर के लिए प्लस पॉइंट ये है, कि रणबीर कपूर कि फिल्मों का कंटेंट अच्छा होता है. ऐसे में रणबीर शाह रुख खान के दर्शकों में सेंधमारी कर रहे हैं. वहीँ, सलमान फिलहाल सुरक्षित हैं, क्योंकि वो मास से लेकर क्लास तक में देखे और पसंद किये जाते हैं. सलमान के चाहने वालों में रिक्शे वालों से लेकर महंगी कार चलाने वाले शामिल हैं. इसलिए खतरा शाह रुख को ज्यादा है. शाह रुख के लिए रणबीर कपूर इसलिए भी खतरा हैं, क्योंकि उनका स्टारडम टिकाऊ है. शाह रुख की तरह ही रणबीर को स्टारडम ओवरनाइट नहीं मिला है. धीरे धीरे उन्होंने वो मुकाम पाया है, या पा रहे हैं, जहाँ उन्हें बॉलीवुड के बादशाह के लिए खतरा बताया जा रहा है. वैसे भी बादशाह जब बूढा हो जाता है, तो गद्दी के लिए दावेदार आ ही जाते हैं. बादशाह खुद नहीं हटता, तो बगावत हो जाती है, पर यहाँ तो बगावत जनता ही करेगी, क्योंकि जवानी दीवानी होती है.
Stardom ke Rann ka naya Veer … 🙂
hmmm … sahi kaha …